एक इंसान जिसने ताजमहल को तीन बार बेचा
Natwar lal
मिथलेश कुमार श्रीवास्तव , जिसे नटवरलाल ११० ( १९१२ - २००९ ) के नाम से जाना जाता है , एक जाने माने भारतीय व्यक्ति थे . जो बार बार ताजमहल , लाल किला और राष्ट्रपति भवन और इसके वर्तमान सदस्यों के साथ भारत के संसद भवन को बेचने के लिए जाने जाते थे,उन्होंने इन भवनों को अमीर विदेशियों को काफी भारी रकम लेकर जालसाजी से बेचा लेकिन वो लोग जब कब्ज़ा लेने के लिए आये तब उन्हें पता चला की उनके साथ धोखाधड़ी हुवी हैIउनके ऊपर एक सुपर हिट फिल्म मिस्टर नटवरलाल भी बनीं जिसके नायक अमिताभ बच्चन थे.
रोचक तथ्य
उस समय के राष्ट्र पति डॉ राजेंद्र प्रसाद और नटवर लाल और अमिताभ बच्चन एक ही जाती ( श्रीवास्तव ) के थे . राजेंद्र प्रसाद और नटवर लाल एक ही गांव के थे .
उनके पहले का जीवन
उनका जन्म बिहार के एक गांव गाऊंबेंग आरा में हुवा था, पेशे से वे वकील थे उनकी दो पत्नियां थी उनकी एक बेटी थी जिसकी सादी एक सैनिक से हुवी है जो की रांची ( झारखण्ड ) में रहती हैI उनका छोटा भाई गंगा प्रसाद श्रीवास्तव गोपाल गंज में रहता है अभी भी नटवरलाल का नाम उनके गांव के लोग बहुत इज्जत से लेते हैं . उन्होंने सैकड़ों करोड़ रूपया सैकड़ों लोगों से ठगा और खुद को छिपाने के लिए ५० से भी अधिक उपनामों का इस्तेमाल किया, वो भेस बदलने में माहिर थे और लोगों को धोखा देने के लिए उपन्यास विचारो का इस्तेमाल किया वे प्रसिद्ध व्यक्तियों के हस्ताक्षर बनाने में माहिर थेी वो कहते थे की टाटा , बिरला ,धीरूभाई अम्बानी सहित कई उद्योगपतियों ने उनसे नगदी में भारी रकम उधारी ली है . उन्होंने बहुत से दुकानदारों से लाखों रुपये की धोखाधड़ी भी की , उन्हें चेक / डिमांड ड्राफ्ट देकर भुगतान कियाI नटवरलाल को नौ बार गिरफ्तार किया गया लेकिन वो हर बार जेल से भागने में कामयाब रहे, उन्हें जालसाजी के १४ मामलों में दोसी ठहराया गया और ११३ साल की सजा सुनाई गई थी लेकिन उन्होंने मुश्किल से २० साल ही जेल में गुजारे, पिछले बार उन्हें १९९६ में गिरफ्तार किया गया था उस समय वो ८४ साल के थे लेकिन इस बार भी वो पुलिस को धोका देने में कामयाब रहे जब उन्हें जेल से अस्पताल ले जाया रहा था तब वो व्हील चेयर का उपयोग करने वाले ॉटजोरियन से गायब हो गए,कानपूर जेल से पुलिस एस्कॉर्ट के तहत उन्हें AIMS ले जाया जा रहा था तब वो नई दिल्ली रेलवे इस्टेशन से गायब हो गए, इसके बाद फिर उन्हें कभी नहीं देखा गयाI
Natwar lal
मौत और रहस्य
२००९ में उनके वकील ने अनुरोध किया की नटवरलाल के खिलाफ १०० से अधिक आरोपों को ये कहते हुवे हटा दिया जाए की शनिवार २५ जुलाई २००९ को उनकी मृत्यु हो गयी है. बाद में नटवरलाल के भाई गंगा प्रसाद श्रीवास्तव ने रांची में उनका अंतिम संस्कार होने का भी दावा किया लेकिन मौत का वास्तविक समय और वर्ष अभी भी अनिश्चित है .
THANK YOU
🙏कृपया मेरे दुसरे ब्लॉग को पढ़िए 🙏
No comments:
Post a Comment