Sunday, September 12, 2021

केचप की कहानी(ketchup story)


केचप की कहानी

ये एक बहुत स्वादिस्ट मीठा मिश्रण है जो की अन्य खाद्य पदार्थों के ऊपर डाल  कर खाया  जाता है

जी हाँ अमेरिका में लगभग हर रेफ्रिजरेटर में इसकी बोतल मिल जायेगी, एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में ९७ परसेंट घरों के टेबल पर केचप की बोतल मिल जायेगी एक साधारण चटनी को दुनियां में इतना प्यार कैसे मिला ? यह पता चला है कि केचप की उत्पत्ति का सम्बन्ध अमेरिका  के अलावा और भी दुनियां के दुसरे देशों से है। केचप होक्किएन चीनी शब्द,

 

 kê-tsiap से आया है, जो किण्वित मछली से प्राप्त सॉस का नाम है। ऐसा माना जाता है कि व्यापारी वियतनाम से दक्षिणपूर्वी चीन में मछली की चटनी लाते थे। अंग्रेजों ने दक्षिण पूर्व एशिया से  केचप लिया , घर लौट आए, और किण्वित डार्क सॉस को दोहराने की कोशिश की। यह संभवत: १७वीं सदी के अंत और १८वीं शताब्दी की शुरुआत में हुआ था, जैसा कि १७३२ में रिचर्ड ब्रैडली द्वारा "केचप इन पेस्ट" के लिए प्रकाशित एक नुस्खा द्वारा प्रमाणित किया गया था, जिसमें "पूर्व-इंडीज में बेनकौलिन" को इसके मूल के रूप में संदर्भित किया गया था। (देखें "कैसे एक खाना प्रसिद्ध हो जाता है।") लेकिन यह निश्चित रूप से केचप नहीं था जिसे हम आज जानते हैं

 

एशिया में पहली बार सामने आए इस  स्वाद को पुन: पेश करने के प्रयास में अधिकांश ब्रिटिश व्यंजनों ने मशरूम, अखरोट, कस्तूरी, या एन्कोवीज जैसी सामग्री का प्रयोग किया।   शुरुआती केचप ज्यादातर पतले और गहरे रंग के होते थे, और अक्सर सूप, सॉस, मांस और मछली के साथ खाये जाते थे  थे। इस बिंदु पर, केचप में एक महत्वपूर्ण चीज  की कमी थी जिसे  टमाटर डाल कर पूरा किया गया । पहला  केचप नुस्खा 1812 में प्रकाशित हुआ, जिसे वैज्ञानिक और बागवानी विशेषज्ञ, जेम्स मीज़ ने लिखा था, जिन्होंने टमाटर को "प्रेम सेब" कहा था। उनके नुस्खा में टमाटर का गूदा, मसाले और ब्रांडी शामिल थे लेकिन सिरका और चीनी की कमी थी बाद में केचुप को संरक्षित करने के लिए सोडियम बेन्जोएट का प्रयोग किया गया लेकिन सोडियम बेंजोएट जो कि एक हानिकारक पदार्थ के रूप में देखा जाने लगा इससे यह माना गया कि इससे अच्छा यह है कि केचप   को संरक्षित ही ना किया जाए दुनिया में लोग के केचप  में रसायन का उपयोग नहीं चाहते थे  हैनरी  जे बीन्ज़  जोकि पीटर्सबर्ग अमेरिका के रहने वाले थे बेंजोएट के जवाब में  एक नुस्खा  विकसित किया जिसमें लाल पके हुवे टमाटर का उपयोग किया गया जिसमें प्राकृतिक रूप से संरक्षित करने वाला अवयव  अधिक होता है और सिरका की मात्रा में वृद्धि करता है और केचप  को खराब होने से रोकता है ।


 

टमाटर  उगाने का जो समय रहता है वह बहुत थोड़ा  ही रहता है कई  निर्माताओं ने इसे संरक्षित किया लेकिन तरीका इतना खराब था कि इसमें बैक्टीरिया पैदा हो गए जैसे की कोल  तार  जो की  लाल रंग लाने के लिए मिलाते हैं हैनरी की कंपनी ने  उत्पादन शुरू किया और 1905 में उनकी कंपनी ने 5000000  केचप की  बोतलों को बेचा ,  धीरे-धीरे घर में बने हुए केचप  रसोई से गायब होने लगे अब लोगों को यह लगने लगा कि घर में बने हुए  केचप के  स्वाद सही नहीं है अमेरिका में लोग इस समय साल में करीब  100 करोड़ औंस केचप  खरीदते हैं आज के समय में केचप के व्यवसायीकरण होने के साथ ही नए नए मसालों के इस में प्रयोग और शोध होने से पूरी दुनिया में इसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है इसके साथ में भी नए नए तरह के परिवर्तन आते जा रहे हैं बच्चों के लिए तो केचप एक वरदान बनकर आया है क्योंकि ये 👮साहब  उनके  एक लोकप्रिय व्ययंजनों में से एक है ।

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