Friday, December 17, 2021

अमिताभबच्चन की पुश्तैनी कहानी.



सदी का महानायक

अमिताभ बच्चन अब 79 साल के हो चुके हैं, लेकिन आज भी वह अपने अंदर मौजूद ऊर्जा से युवाओं को फेल करते हुए नजर आते हैंI अभी उन्होंने सोशल मीडिया में एक पोस्ट शेयर किया हैजिसे पूरी दुनिया में मौजूद उनके करोड़ों फैंस पसंद कर रहे हैंI वैसे तो उन्होंने आज ही नहीं पहले भी कई बार अपनी कर्मठता से सभी को हैरान किया है अभी जो उन्होंने सोशल मीडिया में एक पोस्ट शेयर किया है उसमें उन्होंने बताया है कि उन्होंने भारी बारिश भारी बैकपैक और जाने कितनी कितनी कठिनाइयों के साथ एक खतरनाक स्टंट की शूटिंग की है ऐसा उन्होंने लगातार 4 दिन तक किया थाI वैसे तो  गंगा किनारे के इस छोरे को माईनस  डिग्री के तापमान में  भी शूटिंग करते हुए देखा जा चुका है अभी जिस मूवी की शूटिंग करते हुए दिखाई दिए थे उस फिल्म का नाम ब्रह्मास्त्र है यह फिल्म 9 सितंबर 2022 को रिलीज होगी इसमें उनके साथ रणबीर कपूर आलिया भट्ट मोनी राय और नागार्जुन भी हैंI वैसे तो इस तरह की कई उनकी फिल्में रिलीज हो चुकी हैं जैसे कि ठग आफ हिंदुस्तान ,सरकार, भूत अंकल आदि. आज मैं अमिताभ बच्चन के बारे में लिखने जा रही हूं जो कि  प्रयाग (इलाहाबाद) के रहने वाले हैं,जहां मेरा ससुराल भी हैI

 

अमिताभ का जन्म और पुश्तैनी कहानी

उनका घर जहां वे पैदा हुए मेरे ससुराल से कुछ ही दूरी पर है जहां पर उनकी मामा के लड़के और रिश्तेदार रहते हैं इलाहाबाद के कटघर मोहल्ले में स्थित इस घर को उनके पिता श्री हरिवंश राय बच्चन ने अपने बहन के लड़कों को सौंप दियाI जमुना क्रिश्चियन कॉलेज के ठीक सामने एक संकरी सी गली में अमिताभ बच्चन का पुश्तैनी मकान था अमिताभ की दादी सरस्वती देवी के नाम पर यहां एक स्कूल 40 साल तक चला लेकिन अब वह बंद हो चुका है इस पुश्तैनी मकान की जगह पर अब तीन अलग-अलग दो मंजिला मकान बने हुए दिखाई देते हैं, मोहल्ले के लोग बताते हैं कि इस पुश्तैनी मकान को देखने के लिए लोग अभी भी बाहर से यहां पर आते हैं अमिताभ के दादा बाबू प्रताप नारायण नें इस कटघर नामक मुहल्ले में सन  उन्नीस सौ सत्ताईस में 30 * 60 वर्ग फीट का दो मंजिला मकान बनवाया था I


इसी घर में रहते हुए अमिताभ के पिता श्री हरिवंश राय बच्चन नें मधुशाला एवं निशा निमंत्रण जैसी प्रसिद्ध रचनाएं लिखी, जब श्री हरिवंश राय बच्चन की नौकरी इलाहाबाद विश्वविद्यालय में लगी तो वह कटरा मोहल्ला जो कि आनंद भवन (इंदिरा गांधी जी का पैतृक निवास) और इलाहाबाद विश्वविद्यालय से लगभग 200 मीटर की दूरी पर है में रहने चले आए और वहां पर किराए पर रहने लगे, जब अमिताभ का जन्म हुआ तब उनकी दादी सरस्वती देवी मां बेटे को लेकर कटघर स्थित इसी मकान में रहने चली आई और यहां पर उनका देखभाल किया जब सरस्वती देवी का निधन हो गया तो हरिवंश राय बच्चन दिल्ली चले गए उसके बाद बच्चन परिवार का नाता इस पुश्तैनी मकान से टूट गया I

अमिताभ के पुश्तैनी मकान की स्थिति

जब 1984 के लोकसभा चुनाव में अमिताभ ने चुनाव लड़ा तो उस समय चुनाव प्रचार के लिए आए हुए हरिवंश राय बच्चन ने इस पुश्तैनी मकान को अपने भांजे रमेशचंद्र को दे दिया इसके बाद यह घर रमेश चंद्र के लड़कों अशोक, किशोर, अनूप और शिबू के बीच बट गया है, जहां पर अब पुश्तैनी मकान तोड़कर तीन अलग-अलग दो मंजिला मकान बनाए जा चुके हैं जबअमिताभ चुनाव लड़े तो कटघर स्थित इस मोहल्ले में भी एक सभा हुई जहां उनकी पत्नी जया बच्चन ने अपना ससुराल यहां होने का हवाला देते हुए लोगों से वोट देने की गुजारिश की, हरिवंश राय बच्चन के निधन के बाद जब अमिताभ अस्थि विसर्जन के लिए इलाहाबाद में संगम पर आए तो उनके पुश्तैनी घर के इस मोहल्ले के पास भारी भीड़ जमा थी कि शायद अमिताभ बच्चन यहां पर आएंगे लेकिन वह यहां पर नहीं आएI

 


आम आदमी जैसा व्यक्तित्व

अमिताभ ने जब 1984 का लोकसभा का चुनाव इलाहाबाद से लड़ा तो उस दौरान ऐसे बहुत से वाक़ये देखने को मिले जिससे उनके इतने बड़े सदी के महानायक होने के बावजूद उनके जमीनी तौर से जुड़े हुए एक आम आदमी का व्यक्तित्व देखने को मिला जैसे कि एक बार वह चुनाव प्रचार के लिए इलाहाबाद के दूरदराज स्थान पर गए तो उन को टॉयलेट का एहसास होने पर वह गांव वालों से लोटा लेकर खेत की तरफ चले गए चुनाव के दौरान इलाहाबाद में उनको बाल बड़े होने का एहसास होने पर कटरा मोहल्ला स्थित बाजार में एक नाई की दुकान पर बाल कटाने चले गए और उस नाई को  बाल कटाने के एवज में 100 दिया.

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