Thursday, December 30, 2021

बिटकॉइन नई क्रांति फाइनेंस की दुनिया में

 


बिटकॉइन

नई क्रांति फाइनेंस की दुनिया में

 पूरी दुनिया में इस समय बिटकॉइन के काफी चर्चे हैं, इस करेंसी का वर्चस्व बढ़ने के साथ-साथ नामी-गिरामी कंपनियां भी इस को अपनाने की तरफ बढ़ रही हैं दुनिया की जानी पहचानी कंपनी टेस्ला ने भी एक प्रेस विज्ञप्ति में कह दिया है कि वह अपने वाहनों के भुगतान के रूप में बिटकॉइन करेंसी को स्वीकार करेगी ,उबेर कंपनी भी जल्दी ही बिटकॉइन को अपनाने वाली है.

 

बिटकॉइन क्या है

 बिटकॉइन वर्चुअल करेंसी है इसे क्रिप्टो करेंसी भी कहा जाता है इसकी शुरुआत सन 2009 में हुई थी, आज की तारीख में इसकी लोकप्रियता इतनी बढ़ गई है कि एक बिटकॉइन की कीमत इस समय लाखों रुपए में है. अब क्योंकि इसके भुगतान के लिए  क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल किया जाता है इसलिए इसे क्रिप्टो करेंसी भी कहते हैं इसके बढ़ते हुए लोकप्रियता के कारण इसे भविष्य का करेंसी भी कहा जाने लगा है.ROOM DECOR LAMP

 

लेन-देन का तरीका

क्रिप्टो  करेंसी में कंप्यूटरों का एक नेटवर्क होता है जो की क्रिप्टोग्राफ़ी  तकनीकी से लेनदेन करवाता है इसमें ना तो पेमेंट देने वाले की पहचान हो पाती है ना तो पेमेंट लेने  वाले की पहचान सामने आती है, बिटकॉइन के जैसे ही और भी क्रिप्टो करेंसी बाजार में मौजूद हैं जैसे डार्क  कॉइन, लाइट क्लाई , बाईनस   कॉइन आदि, लेकिन सबसे ज्यादा लोकप्रिय करेंसी बिटकॉइन ही है बिटकॉइन का अपना एक माइनिंग एक्सचेंज होता है बिटकॉइन के लेनदेन के लिए उपभोक्ता को प्राइवेट की कुंजी से जुड़े डिजिटल तरीकों से भुगतान के लिए संदेश भेजना पड़ता है इसे दुनियाभर में फैले हुए नेटवर्कों   के जरिए सत्यापित किया जाता है. अब क्योंकि इसका इस्तेमाल केवल ऑनलाइन लेनदेन के लिए किया जाता है इसलिए यह एक आभासी मुद्रा है, भारत में ये   किसी भी केंद्रीय बैंक के द्वारा समर्थित नहीं है इसलिए इसका निजी तौर पर विनिमय होता है, इसे माइनिंग जैसे  प्रक्रिया के द्वारा जनरेट किया जाता है इसके लिए एक खास किस्म के सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है उसके साथ ही हाई  तकनीकी का प्रोसेसर और खास किस्म के सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है साथ में निर्बद्ध  बिजली आपूर्ति की जरूरत होती है इसलिए  भारत में इसका उपयोग बहुत मुश्किल है और भी एक मुद्दा यह ध्यान देने लायक है कि जिस तरह से बिटकॉइन के मूल्यों में भारी उतार-चढ़ाव होता है उस हिसाब से क्या ये  एक मुद्रा के रूप में कार्य करने में सक्षम है.


क्या बिटकॉइन सुरक्षित है

बिटकॉइन (क्रिप्टो करेंसी )में अस्थिरिता  बहुत ज्यादा होती है इसलिए ये  जोखिम से भरा हुआ होता है, एक उतार-चढ़ाव के बारे में बताते हैं कि एक बार एक बिटकॉइन की कीमत बढ़कर $42000 हो गई थी फिर गिरकर $30000 हो गई उसके बाद फिर से बढ़कर एक हफ्ते के अंदर ही $40000 हो गई. बिटकॉइन के लिए आपके पास एक ऐप  होता है जिसके द्वारा आप लेनदेन करते हैं यदि किसी कारण से सरवर से आपका  फाइल मिट गया तो समझिए कि आपका पैसा हमेशा के लिए डूब गया.

इस ब्लॉग को तलाश बिटकाइन की क्लिक करके पढ़िए कि कैसे  लंदन में रहने वाले एक  शख्स ने अपना करोड़ों डालर के बिटकॉइन को खो दिया , ऐसे भी कई समाचार पत्रों में पढ़ने को मिला  है कि लोगों ने लाखों डालॅर के बिटकॉइन को इसलिए खो दिया क्योंकि उन लोगों ने अपने पासवर्ड खो  दिए या तो भूल गए. बिटकॉइन पर किसी सरकार का राज्य का या बैंक का कंट्रोल नहीं होता है इसे किसी भी देश की सरकार तो जप्त कर सकती है ना तो इसके लेनदेन पर पाबंदी लगा सकती है, मुद्रा का मालिक कौन है किसको किसको भुगतान किया गया है ये पता लगाना  बिल्कुल असंभव है इसके भुगतान  को केवल वही देख सकता है जिसने मुद्रा दिया है और जिसने मुद्रा का भुगतान लिया है, क्योंकि लेनदेन करने वालों की पहचान एक डिजिटल पासवर्ड के रूप में रहती है इस लिये इस करेंसी में किसी भी नाम या पते  की जरूरत नहीं होती है.

बिटकॉइन को  आप स्वतंत्रता के साथ खरीद तो  सकते हैं लेकिन इसे बेचना पूरी तरह से ख़रीददारों  और क्रिप्टो एक्सचेंज पर निर्भर करता है, यदि आप की करेंसी किसी हैकर के द्वारा चोरी कर लिया जाता है तो वह आपके पास वापस कभी नहीं मिलेगी क्योंकि एक्सचेंज  को भी नहीं मालूम होता है कि जो करेंसी लूटी गई है  उसके मालिक आप  थे, और जिसने  आपके  मुद्रा को लूटा है उसके नाम पता के बारे में एक एक्सचेंज  को भी मालूम नहीं चलेगा, सबसे बड़ा खतरा यह भी होता है इसकी कीमत कब बढ़ रही है क्यों बढ़ रही है और कब  क्यों कम होगी इसकी भी कोई प्रमादिकता नहीं होती है.

 

भारत में क्रिप्टो करेंसी

भारत सरकार ने अपनी अर्थव्यवस्था में बिटकॉइन को  अभी तक मान्यता नहीं दिया है. इस बारे में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सन 2017 में इस करेंसी को इस्तेमाल को लेकर एक अलर्ट भी जारी किया था, आरबीआई ने कहा था कि इस करेंसी को इस्तेमाल के लिए अभी कोई आधिकारिक अनुमति नहीं दी गई है क्योंकि इसका ट्रांजैक्शन खतरों से भरा है, अब क्योंकि क्रिप्टोकरंसी में लेनदेन करने वालों की पहचान असंभव है, इसलिए सरकार के लिए अपनी अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए बिटकॉइन का इस्तेमाल करना जोखिम से भरा हुआ है. इस करेंसी से मनी लांड्रिंग आतंकवाद हथियार ड्रग्स का कारोबार करने वालों की पहचान करना असंभव होगा अब अगर किसी देश की सरकार इस मुद्रा को अपने परंपरागत करेंसी के रूप में इस्तेमाल करती हैं तो टैक्स  व्यवस्था को लागू करना असंभव हो जाएगा, क्योंकि आर्थिक शक्ति कंप्यूटरों के हाथ में चली जाएगी भारत में डिजिटल मुद्रा विधेयक 2019 में यह प्रस्ताव पारित किया गया था कि क्रिप्टो करेंसी के खरीद-फरोख्त करने वालों के लिए 10 साल की जेल का प्रावधान  होना चाहिए, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया है. क्रिप्टो करेंसी की तरफ लोगों की बढ़ती रुचि को देखकर कई देशों की सरकारें टेंशन में गई है,सिडनी डायलॉग में पीएम नरेंद्र मोदी ने इस पर चिंता जताई है मोदी ने कहा कि दुनिया भर की सरकारों को इस मुद्दे पर साथ में मिलकर काम करना चाहिए क्योंकि यदि यह गलत नेटवर्क में चला गया तो युवाओं की जिंदगी तबाह हो सकती है


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